Saturday 7 October 2017

जौ बहा था खून उसके दूर तक चिट्टे गए

जौ बहा था खून उसके दूर तक चिट्टे गए 
कल अदालत में पुनः श्री राम घसीटें गए।  

जझ ने बोला हे प्रभू हम को शमा है  चाहिए 
आप नामज़द हुए हैं कङघाड़े में आईये। 

अल्लाह नदारत हैं जबकि उनको भी सम्मन गए 
ऐसा सुन कर काढ़ घरे में राम जी फिर तन गए। 
राम जी कहे 
मै हिन्दू ,मुस्लिम दोनों के ही साथ हूँ 
मै ही अल्लाह मै ही नानक 
मै ही अयोध्या नाथ हूँ।

त्र्ता युग में मै जिस के लिए लिया मैने अवतार था 
आज देखता हूँ तौ लगता है की सब बेकार था। 

केवट और शबरी के बहाने भेद -भाव को तोड़ा था 
तुम को समझने को मैने सीता तक को छोड़ा था। 

मेरे मन्दिर के लिए जब तुम थे रथ पर चढ़रहे 
 देश के एक कोने में कश्मीरी पंडित मर रहे। 

फिर मेरी ही सौगांध खा कर काम ऐसा कर गए 
मेरे लिए दंगे हुए मेरे ही बच्चे मर गए। 

ख़ैर अभी है समय तुम भूल अपनी पाट दो 
जन्म भूमि पर घर बनाओ और गरीबो में बांट दो। 

ऐसा करना हूँ मै कहता परम पुण्य का कॉज हैं
नयाये अहिंसा परमार्थ प्रेम यही तो राम राज है। 

तब बिच में बोला किसीने जब वो उक्ता गया 
राम चंद्र के भेस मेँ यह कौन मुसलमा आ गया। 

ऐसा कहना था के भईया ऐसा हल्ला मच गया 
जो एन्ड टाइम पर कट लिया बस वो ही था जो बच गया। 

फिर राम भगतो के ही हाथोँ राम जी पीटे गए 
जौ बहा था खून उसके दूर तक चिट्टे गए।  




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